🚩जय श्री राम🚩
ॐ श्री पिपानन्दाचार्य नमः ॐ
संत पीपाजी महाराज का जन्म सर्वमान्य तथ्यों के आधार पर
दिनांक:-23 अप्रेल 1426
चैत्र शुक्ल पूर्णिम, बुधवार
विक्रम संवत:-१४८३ (1483) में [राजस्थान] कोटा से ४५ (45) मील पूर्व दिशा में गागरोन झालावाड़ में हुआ था।
वे चौहान गौत्र के खींची राजवंश शाखा के प्रतापी राजा थे। उनके बचपन का नाम प्रतापराव खींची था। उच्च राजसी शिक्षा-दीक्षा के साथ इनकी रुचि आध्यात्म की तरफ भी थी, जिसका प्रभाव उनके साहित्य में स्पष्ट दिखाई पड़ता है। किवदंतियों के अनुसार पीपाजी अपनी कुलदेवी से प्रत्यक्ष साक्षात्कार करते थे व उनसे बात भी किया करते थे।
पिता के देहांत के बाद लगभग 20 वर्ष की आयु में प्रतापराव का गढ़ गागरोन के राजा के रूप में राज्याभिषेक हुआ। अपने अल्प राज्यकाल में पीपारावजी द्वारा फिरोजशाह तुगलक, मलिक जर्दफिरोज व लल्लन पठान जैसे योद्धाओं को पराजित कर अपनी वीरता का लोहा मनवाया। प्रतापराव प्रजा प्रियता व नीति कुशलता के कारण आज भी आपको गागरोन व मालवा के सबसे प्रिय राजा के रूप में मान सम्मान दिया जाता है।
-:महत्वपूर्ण सूचना:-
10वी की हिन्दी की किताब में अब विद्यार्थी पढेंगे संत पीपाजी की जीवनी
Bhaskar News Network
Jul 12, 2017, 02:30 AM IST
कोटा. जेडीबीसाइंस कॉलेज के सीनियर लेक्चरर डॉ. शशि प्रकाश चौधरी के संयोजन में तैयार की गई कक्षा 10वीं अनिवार्य हिन्दी की किताब प्रदेशभर के स्टूडेंट्स पढ़ेंगे। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से इस सेक्शन से शुरू की गई क्षितिज अनिवार्य हिन्दी पुस्तक को इनके संयोजन में तीन लेखकों और छह सदस्यों की टीम ने तैयार किया है। बोर्ड की स्वीकृति के बाद यह किताब अब स्कूलों में पढ़ाई जाएगी। हाड़ौती के लिए खुशी की बात है कि यहां गागरोन (झालावाड़) के लोक संत पीपाजी का पाठ बच्चों को पढ़ने को मिलेगा। संत पीपाजी के कृतित्व एवं व्यक्तित्व और संत के रूप में गद्य खंड के पाठ नंबर 18 में शामिल किया गया है। संकलित इस पाठ की पुस्तक में लोक संत पीपा के नाम से लिखित है।
संत पीपाजी से जुड़े विशेष स्थल
पीपाजी मन्दिर वसई (महाराष्ट्र)
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पीपाजी मन्दिर वसई (महाराष्ट्र)
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मैप लिंक पीपाजी मन्दिर चेम्बूर क्लिक
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पीपाजी मंदिर चेम्बूर (महाराष्ट्र) Shri Pipaji Ashram, Aanik gaon village, Shiv Shakti Nagar Rd, HP Nagar West, Mysore colony, Maharashtra 400074 086527 90010
संत पीपाजी से जुड़े कई स्थल हैं जो उनके अनुयायियों के लिए पवित्र धाम हैं इनमें से गढ़ गागरौन झालावाड़ [राजस्थान] में पीपाजी का मंदिर, छतरी और बाग़ हैं
काशी में पीपाकूप हैं
द्वारिका के पास आर माड़ा में पीपावट हैं
अमरोली (गुजरात) में पीपाबाव है
इसके अलावा राजस्थान के जोधपुर शहर का पीपाड़ कस्बा लोक संत से जुड़ा स्थल हैं, यहाँ पिपानन्दाचार्य ने एक पीपल के नीचे तपस्या की थी
कालीसिंध तथा आहू नदियों के संगम पर पीपाजी की गुफा स्थित हैं
संत पीपाजी जीवन-गाथा वीडियो
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संत पीपाजी से जुड़े संक्षेपाक्षर बिंदु
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